यूक्रेन स्थित चेर्नाेबिल परमाणु संयंत्र के नजदीक शनिवार को करीब 250 एकड़ का जंगल जलकर राख हो गया है। आग को परमाणु बिजली संयंत्र का बढ़ा हुआ रेडिएशन और भड़का सकता है। इससे पूरा संयंत्र एक एक्सीडेंट जोन बनकर दुनिया के सबसे भीषण हादसे में तब्दील हो सकता है। तबाही को रोकने के लिए अधिकारियों ने आग बुझाने दो विमान, एक हेलिकॉप्टर और 130 फायरफाइटर तैयात किए हैं।
इमरजेंसी सर्विस के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में रविवार को कहा, ‘‘सुबह कहीं भी आग नहीं दिख रही थी और हवा में रेडिएशन बढ़ने की भी जानकारी नहीं है। शनिवार को कुछ इलाकों में रेडिएशन से जरूर आग बुझाने में मुश्किलों को सामना करना पड़ा, लेकिन इससे आसपास के लोगों को कोई खतरा नहीं था।’’

रेडिएशन का बढ़ना बुरी खबर
यूक्रेन के स्टेट इकोलॉजिकल इंस्पेक्शन सर्विस के प्रमुख येगोर फिरसोव ने फेसबुक पोस्ट में पर कहा, ‘‘बुरी खबर है, संयंत्र का रेडिएशन सामान्य से ज्यादा है।’’ हालांकि प्लांट के आसपास के जंगल में आग की कई घटनाएं होती हैं।
1986 में एक रिएक्टर में हादसा हो गया था
चेर्नाेबिल हादसे ने यूरोप के एक बड़े हिस्से को प्रदूषित किया था। यहां 26 अप्रैल 1986 प्लांट के चौथे रिएक्टर में विस्फोट हो गया था। चारों और रेडिएशन फैल गया। इलाके में बिजली की सप्लाई प्रभावित हुई। अभी भी लोगों को प्लांट के 30 किलोमीटर के क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं है। हालांकि संयंत्र के तीन रिएक्टर 2000 तक बिजली बनाते रहे। 2016 में विस्फोट हुए रिएक्टर के ऊपर एक सुरक्षा गुंबद बना दिया था। हादसे के वक्त पावर प्लांट के 30 किलोमीटर के इलाके में करीब 1.5 लाख की आबादी थी। तब अधिकारियों ने 32 लोगों की मौत 1251 लोगों के रेडिएशन से बुरी तरह से जलने की बात स्वीकारी थी।